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शनिवार, 18 मार्च 2023

 🌹शोक एवं श्रद्धांजली सभा🌹

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विगत 9 मार्च 2023  को छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के प्रांत अध्यक्ष और छत्तीसगढ़िया बघवा माननीय आदरणीय सोहन पोटाई जी का लिंगो वास हो गया है   आदरणीय पोटाई जी हम सब को छोड़  वेन रूप  से पेन रूप में तब्दील हो गए...

अतः माननीय पोटाई जी को सच्ची श्रद्धांजलि देने हेतु कल दिनांक 18 मार्च 2023 दिन शनिवार  को शाम 6 बजे शाहिद वीर नारायण सिंह भवन आदिवासी मंडल भवन भिलाई नगर सुपेला थाना के बाजू में कुर्मी भवन के पीछे सर्व आदिवासी समाज जिला दुर्ग की ओर से रखी गई है  अंतः आप सभी सागा समाज से सादर निवेदन है की आदरणीय पोटाई जी को श्रद्धांजलि अर्पित करने अवश्य पहुंचे .!!


सादर सेवा जोहार 

जय बूढ़ा देव

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भवदीय 

तामेश्वरी ठाकुर 

प्रदेश उपाध्यक्ष/अध्यक्ष

छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज /

जंगो लिंगों आदिवासी महिला समाज भिलाई 

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शुक्रवार, 17 मार्च 2023

*छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज पंजी. क्र. 4230 दिनांक 8/4/2013 के प्रांतीय कार्यकारिणी के द्वारा निर्देश प्राप्त हुये हैं कि दिनांक 18/03/2023 को राज्य के सभी जिला अध्यक्ष के नेतृत्व मे एवं पदाधिकारियों द्वारा अपने अपने जिले मे 32% आरक्षण सुनिश्चित करने मे शासन की असफलता को दृष्टिगत रखते हुए संबंधित जिले के कलेक्टरों के माध्यम से माननीय मुख्यमंत्री जी , छ.ग. शासन एवं महामहिम राज्यपाल को ज्ञापन दिया जाना है। तदनुसार दुर्ग जिला मे भी ज्ञापन सौपा जायेगा । दुर्ग भिलाई के समस्त आदिवासी सामाजिक संगठन गोंड समाज, हल्बा समाज, कंवर समाज ,कंडरा समाज, उरांव समाज के पदाधिकारियों ,प्रतिनिधियों, एवं सदस्य पटेल चौक दुर्ग मे 12 .00 बजे एकत्रित होवें और 32% आरक्षण को लागू करवाने मे अपनी उपस्थिति सुनिश्चित कर आदिवासी समाज के प्रति अपनी महती भुमिका अदा करें ।*

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*सुदर्शन सिंह ठाकुर*

*अध्यक्ष,* 

*छ.ग.सर्व आदिवासी समाज*

*जिला दुर्ग*

बुधवार, 15 मार्च 2023

हमें गोंड गोंडी गोंडवाना पर ध्यान देना चाहिए।

 गोंड भी अपने हिसाब से अलग अलग संगठन का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं तो संगठित कैसे हो पायेंगे, कोई मनुवादी व्यवस्था का प्रतिनिधित्व, कोई बामसेफ का प्रतिनिधित्व, कोई किसी बाबाओं का प्रतिनिधित्व बस अपने मूल पहचान की बात कर दें। तो मूलनिवासी बहुजन की बात करने लग जाते हैं। हम क्यों अपने मूल पहचान की बात नहीं करते? जबकि गोंडों की व्यवस्था पूरी दुनिया में होने वाली समस्याओं का हल दे सकती है, ऐसी व्यवस्था है। पर नहीं हमें तो फिलहाल दूसरों की बातों को ही सही मानते हुए परबुधिया बने रहना, कुछ संगठन एक दूसरे का विरोध कर कर के एक दूसरे को बचाने का भी काम कर रहे हैं, और हम उनके विरोध को सही मानते हुए लहालोट होते रहते हैं। जबकि हमें गोंड गोंडी गोंडवाना पर ध्यान देना चाहिए। और एक बात गोंड को बांटने का काम मनुवादी ही नहीं, बहुजन, बामसेफ, अंबेडकरवादी आदि संगठनों ने किया है। जिसका परिणाम यह कि हम हमारे भाइयों को ही ग़लत साबित कर रहे हैं। क्यों? क्योंकि हम दूसरों का चश्मा लगाए हैं। जबकि हम सब को चाहिए कि दूसरों का चश्मा उतार कर खुद का आइना पकड़ना चाहिए। वर्ना थाई और चंपाई की कहानियों में हम खुद को ढुंढते रहेंगे और थाई और चंपाई हमारी काटते रहेंगे। जब 3% पूरे देश में अपनी फर्जी कहानियों के दम पर राज कर सकते हैं तब तो हम गोंडों की संख्या उन से तो ज्यादा ही हैं, ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के साथ साथ गोंडवाना की व्यवस्था समृद्धशाली पहचान अलग। जबकि थाई और चंपाई की जमीन थी न इतिहास था, हांडी और झाड़ू की फर्जी कहानियों बता बता कर एक दूसरे को प्रमोट करते रहते हैं और नीली किताब के कारण शासन और सत्ता में बैठे हुए हैं। इसलिए अब जरूरत स्वयंभू बनने की खुद के घर को साफ करने की कब तक किराये के मकान को चमकाते रहोगे। रही बात ईवीएम की, ईवीएम का कितना भी विरोध कर लीजिए फैसला सत्ता में बैठे हुए लोगों की मंशा से ही संभव है। जो लोग सिर्फ 90 वर्ष सत्ता में बैठने के लिए तैयारी किये हैं तो सोच सकते हैं ईवीएम मशीन उनके लिए कितना महत्वपूर्ण हैं। क्योंकि चुनाव एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया है तो उस लोकतांत्रिक प्रक्रिया का साधन ईवीएम है।

रविवार, 12 मार्च 2023

 #जाने_अंग्रेजो_के_आगे_कभी_हार_नही_मानी

#और_उनसे_लोहा_लेते_रहे....यह गौरवशाली बयान है उस गोन्डीयन शुरवीर का...जिसने अपनी धरती की आन बान शान सबसें आगे रखा..उनका नाम वीर बाबुराब सेडमाके है....१२ मार्च २०१९ को उनकी जयंती है..कोट कोट सेवा जोहार...विनम्र अभिवमौशत-शत..नमन..

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गोंडवाना शेर बाबूराव पुल्लेसुर सेडमाके की कहानी

यह ज़िन्दा इतिहास है शौर्य, पराक्रम और अपनी मिट्टी के लिए जान तक न्यौछावर करने वाले एक गोन्डीयन  योद्धा की.. गोंडवाना के उस शूरवीर की, जिन फिरंगीयों ने देशी षडयंत्रकारी व्यवस्था के साथ मिलकर यहां अपनी हुकूमत चलाई उन अंग्रेज़ों के आगे कभी अपनी हार नहीं मानी और उनसे लोहा लेता रहा.. यह गौरवशाली बयान है उस गोन्डीयन शूरवीर का, जिसने अपनी धरती की आन-बान-शान को सबसे आगे रखा और खुद शहीद होकर भी गोंडवाना के मान को ऊंचा उठाया…यह हक़ीक़त है- गोंड़ वीर बाबूराव पुल्लेसुर सेडमाके की, जिन्हें 21 अक्टूबर, 1858 को अपने स्वाभिमान को बरकरार रखने के चलते अंग्रेज़ों ने फांसी पर लटका दिया था.. सवर्ण इतिहासकारों ने इस महान घटना को दर्ज़ नहीं किया, लेकिन यह एक ज़िन्दा इतिहास है, जो हमेशा

 कवर्धा में हुए हमारे युवा साथियों पर पुलिस प्रशासन द्वारा लाठी चार्ज एवं एफआईआर दर्ज किया गया उसके विरोध में आज दिनांक 10/03/2023 को गोड़वाना स्टूडेंट्स यूनियन दुर्ग द्वारा धरना प्रदर्शन कर महामहिम कलेक्टर मोहदय जी को हमारे युवा साथियों को छुड़ाने हेतु ज्ञापन सौंपा गया और और उन्हे ये बताया गया की जितने भी हमारे GSU के यूवा साथि जो जेल में हैं वे सभी स्टूडेंट्स हैं हाल ही में उनका पेपर सामने हैं तो हम ये चाहते हैं कि हमारा शिक्षा का अधिकार हमसे न छीना जाए और उन सभी युवाओं को पुलिस प्रशासन द्वारा उनकी परीक्षाओं के लिए सभी समुचित व्यवस्था किया जाए इन सभी मांगों को लेकर गोड़वाना स्टूडेंट्स यूनियन दुर्ग द्वारा ज्ञापन सौंपा गया जिसमे हमारे जिला  उपाध्यक्ष मुकेश ठाकुर जी , जिला सचिव सूरज यादव जी जिला स्योजक लखन ठाकुर जी , ब्लॉक अध्यक्ष महेंद्र धुर्वे जी , सभी GSU परिवार , एवं GGP के कार्यकर्ता भी उपस्थित थे    

जोहार GSU 

जोहार छत्तीसगढ़ 🙏

गोंडवाना गणतंत्र पार्टी दुर्ग छत्तीसगढ़।

गोण्डवाना शासकीय कर्मचारी यूनियन छत्तीसगढ़

  गोण्डवाना शासकीय कर्मचारी यूनियन छत्तीसगढ़ पं.क्र.2238 का तृतीय प्रांतीय वार्षिक अधिवेशन रायुपर के अवंति विहार ,अटल चौक "रानीदुर्गावत...